"श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-सन्देश" आप सभी भाई-बहनों को "जन्माष्टमी-महोत्सव" की बहुत-बहुत शुभकामनायें। सभी पर्वों को मनाने के पीछे का उद्देश्य केवल परमात्मा से जुड़ने का ही होता है यानी हमारा सतोगुण बढ़े और बढ़ा हुआ सतोगुण रजोगुण को अमर्यादित नहीं होने दे। ताकि, हम सभी मनुष्य अपने मिले हुए जीवन में भगवान, आत्मा व प्रकृति के यथार्थ-ज्ञान को समझते हुए अपने कर्तव्य-कर्मों को निष्काम भाव से निभाते हुए सफल हों। भगवान श्रीकृष्णजी का यही हम सभी मनुष्यों के लिए ज्ञान-उपदेश है। आपका आध्यात्मिक मित्र सुधीर भाटिया फकीर