सभी भाई-बहनों को गुरू-पूर्णिमा रूपी ज्ञान-दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनायें। हम सभी जीवात्मायें ज्ञानस्वरूप होते हुए भी सँसारी विषय-भोगों को अमर्यादित ढंग से भोगने पर अज्ञानता में आ चुके हैं। गुरू ही हमारे-आपके जीवन को सन्तुलित-व्यवस्थित-अनुशासित बनाते हुए पुन: ज्ञानस्वरूप स्थिति-विशेष में लाकर परमात्मा के सम्मुख करते हैं। इसलिए हम सभी मनुष्य सभी गुरूओं/शास्त्रों को सदा ही श्रद्धापूर्वक आदरपूर्वक शत्-शत् कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं। आपका आध्यात्मिक मित्र सुधीर भाटिया फकीर www.sudhirbhatiafakir.com