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Showing posts from February, 2021

आज का विचार

सँसार में अक्सर ऐसा देखा गया है कि अधिकांश मनुष्यों का जीवन सत्संग के अभाव में आध्यात्मिक ज्ञान नहीं होता, इसलिए अक्सर ज्ञान के अभाव में मनुष्यों के अधिकांश कर्म सकाम भाव से स्वयं के सुख से प्रेरित ही होते हैं अर्थात् रजोगुण से ही प्रभावित कर्म होते हैं, क्योंकि ज्ञान मिलने पर ही सतोगुणी स्थिति बनती है और लम्बे समय तक सतोगुणी स्थिति बने रहने से ही कर्मों में निष्कामता आने लगती है.....सुधीर भाटिया फकीर

ब्रह्म मुहूर्त:सूर्योदय के पूर्व के 2घंटे40 का समय-(सुधीर भाटिया फकीर-आध्यात्मिक कक्षा-420)-27-02-21

 

प्रकृति:-भोग/पशु पक्षी, अपवर्ग/मनुष्य-सुधीर भाटिया फकीर - (आध्यात्मिक कक्षा-415)-22-02-2021

पुरुषार्थ:- स्वार्थ-परमार्थ-(सुधीर भाटिया फकीर-आध्यात्मिक कक्षा-413) - 20-02-2021