Skip to main content

"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

सच्चिदानंद शब्द, जोकि भगवान का ही एक पर्यायवाची नाम है, जबकि प्रकृति केवल सत्य है, दूसरी ओर जीव/आत्मा सत्य के साथ-साथ चेतन भी है, लेकिन आनंद रहित है. केवल परमात्मा ही आनंद है यानी सच्चिदानंद है, इसलिए प्रत्येक आत्मा सदा दुख रहित सुख यानी आनंद की प्राप्ति के लिए ही सदा प्रयत्नशील रहती है, जोकि प्रकृति में है ही नहीं ?.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24