सभी भौतिक विषयों के भोगों में रस/सुख अस्थायी है, जबकि भोगों को भोगने में हमारे स्थूल शरीर की सभी इंद्रियां उम्र बढ़ने के साथ-साथ कमजोर होती जाती हैं यानी हमारी मृत्यु नजदीक आ रही है। ऐसा ज्ञान मन में स्थिर होने पर ही फिर इन 5 भोग विषयों के प्रति अरुचि पैदा होती है और स्थायी सुख/आनंद की तलाश शुरू होती है, उससे पूर्व नहीं? .....सुधीर भाटिया फकीर
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