भौतिक प्रकृति परमात्मा की ही रचना है और प्रकृति के सभी पदार्थ प्रकृति में रहने वाले सभी जीवों के उपयोग के लिए ही है। हम सभी मनुष्यों को भी इन पदार्थों का केवल अपनी आवश्यकतानुसार ही ग्रहण करना होगा, अन्यथा प्रकृति/परमात्मा की नजरों में हमें चोर ही माना जाएगा.....सुधीर भाटिया फकीर
Comments
Post a Comment