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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

अक्सर ऐसा माना जाता है कि आवश्यकता से अधिक धन जीवन में मिलने से हमारा आध्यात्मिक ज्ञान आवर्त होने की संभावनाएँ बड़ जाती हैं, जबकि धन के चले जाने से आध्यात्मिक ज्ञान मिलने के लिए अनुकूल परिस्थितियां सहज ही बनने लगती है, फिर भी सामान्य मनुष्य धन पाने के लिए कर्म ही नहीं करता, बल्कि विकर्म/पाप कर स्वयं ही अपनी अधोगति करने से पीछे नहीं हटता.....सुधीर भाटिया फकीर

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