Skip to main content

"ब्रह्म-मुहूर्त का उपदेश"

24 तत्वों वाली भौतिक प्रकृति मनुष्य योनि में ही किए गए सकाम कर्मों के आधार पर यानी पाप कर्मों का दुख रुपी फल और पुण्य कर्मों का सुख रुपी फल देती है, जबकि भगवान निष्काम कर्म, आध्यात्मिक ज्ञान व भक्ति के आधार पर ही प्रसाद के रुप में आनन्द रुपी फल देते हैं, जबकि भगवान ने हम सभी मनुष्यों को शास्त्रों के ज्ञान के साथ-साथ कर्म करने की स्वतंत्रता भी प्रदान की है.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24