84,00000 योनियों के सभी असंख्य जीव, चाहे चींटी हो, हाथी हो या मनुष्य हो, सभी जीवों में ही सुख पाने की प्रवृत्ति और दुखों से निवृत्ति की इच्छा सदा ही बनी रहती है, इसलिए सभी जीवों द्वारा होने वाले सभी कर्म-विकर्म भी इसी उद्देश्य से ही किये जाते है.....सुधीर भाटिया फकीर
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