एक साधरण मनुष्य अक्सर इस बात की निरंतर चिन्ता करता ही रहता है, कि "लोग क्या सोचेंगे", लेकिन मरते दम तक मनुष्य इस बात पर कभी चिंता ही नहीं करता, कि "भगवान क्या सोचेंगे", क्योंकि भगवान ने अपनी ओर से यह अन्तिम मनुष्य जन्म दिया है। इसपर मनुष्य को सदा चिंतन करते रहना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर
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