शास्त्रों में 5 प्रकार के विषय गन्ध,रस,रुप,स्पर्श व शब्द बताये गये हैं, जिनका निरंतर चिंतन करते रहने से ही इनको प्रत्यक्ष रूप से भोगने की कामना पैदा होती है, जबकि सभी कामनाएं तो राजा-महाराजाओं की भी पूरी नहीं होती। अक्सर ऐसा भी देखा जाता है कि सभी कामनाएँ पूरी होते रहने से इन्सान में इंसानियत समाप्त हो हैवानियत आने की सम्भावनाएं भी बढ़ जाती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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