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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

परमात्मा केवल मनुष्यों से ही नहीं, बल्कि भौतिक प्रकृति की 84,00000 योनियों के सभी जीवों से भी प्रेम करते हैं, लेकिन मनुष्य मरते दम तक संसार को ही अपना मानता है और सँसार से ही प्रेम करता है। अक्सर ऐसा माना जाता है कि 99% लोग संसार की ठोकरे खाकर ही परमात्मा की ओर चलते हैं, उससे पूर्व नहीं.....सुधीर भाटिया फकीर

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