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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

सभी मनुष्यों को यह बात पक्के तौर पर याद रखनी चाहिए कि जब-जब मनुष्य अपने जीवन में अपने सुख के लिये प्रकृति के अन्य जीवों को दुख यानी पीड़ा देता है, तो मनुष्य की मरने के बाद दुख रुपी फल भोगने के लिए नीचे की योनियो में जन्म लेने की संभावनाएँ प्रबल होने लगती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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