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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

कलयुग में प्राय ऐसा देखा जाता है कि अधिकांश मनुष्यों की परमात्मा में विशेष रूचि नहीं होती। तब ऐसे में धार्मिक कर्मकांड करते रहने से भी परमात्मा से जुड़े रहना एक अच्छी बात है। कर्मकांड भय या लोभ से होने पर परमात्मा से अस्थायी सम्बन्ध तो बने ही रहते हैं, लेकिन कर्मकांड ज्ञानपूर्वक होने से यह हमारी आध्यात्मिक उन्नति करवाने में सहायक होते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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