मनुष्य को अपने जीवन में सत्संग करने से ही ज्ञान होता है और अक्सर ज्ञान के अभाव में मनुष्य के कर्म भी सही दिशा में नहीं हो पाते। वास्तव में निरंतर सत्संग करते रहने से ही परमात्मा का ज्ञान-विज्ञान समझ में आ पाता है, जिसके जान लेने के बाद ही संसार से सहज ही वैराग्य हो जाता है, जो भक्ति का बंद दरवाजा खोल देता है.....सुधीर भाटिया फकीर
Ati sunder jai Shri Ram ji
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