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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

ऐसा माना जाता है कि संसारी विषय-भोगों से वैराग्य हुए बिना परमात्मा से जुड़ना सम्भव हो नहीं पाता। हालांकि, यह वैराग्य हम सभी मनुष्यों के जीवन में आता है, लेकिन वैराग्य रुकने का समय मिनट, घंटा, दिन, सप्ताह, महीना तक रहता है, साल या सालों यानी जीवन भर का नहीं ?.....सुधीर भाटिया फकीर

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