Skip to main content

"सन्ध्या-बेला सन्देश"

किसी भी मनुष्य विशेष की आवश्यकताओं की पूर्ति तो की जा सकती हैं, लेकिन भोग इच्छाओं की नहीं। दाल-रोटी का मिलना हमारे स्थूल शरीर की आवश्यकता है, लेकिन पनीर, रायता, खीर, पापड़, अचार की इच्छा रखना भोग है.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24