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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

मनुष्य धर्म की बातें पढ़ता है, सुनता भी है, लेकिन मन से नहीं मानता, इसलिए उसके संस्कार नहीं बनते और उसका व्यवहार नहीं सुधरता, जिसके फलस्वरूप कलयुग अधिक गहरा होता जा रहा है.....सुधीर भाटिया फकीर

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