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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

इस बात को तो सभी मनुष्यों द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है कि अन्धकार में सँसार नजर नहीं आता। इसीलिए तो सभी प्रकार की खुशियों को मनाने के लिए प्रकाश/रोशनी को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है, तब ऐसे में, फिर ज्ञान के अभाव में यानी अज्ञानता रुपी अन्धकार में भगवान का बोध कैसे हो सकता है ?.....सुधीर भाटिया फकीर

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