Skip to main content

"सन्ध्या-बेला सन्देश"

सँसार में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि मनुष्य का सत्सँग के अभाव में कुसंग सहज ही होने लगता है और कुसंग को काले रंग के समान मानो, जो अपना रंग तुरंत दिखाता है, जबकि सत्सँग सफेद रंग की भाँति अपना रंग धीरे-धीरे दिखाता है.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24