Skip to main content

"सन्ध्या-बेला सन्देश"

भौतिक प्रकृति द्वैत मानी जाती है, इसलिये प्रकृति में अकेला सुख कभी भी नहीं होता, सुख के साथ ही दुख छिपा रहता है। अक्सर एक साधारण मनुष्य को सुख चखते/भोगते समय दुख नजर नहीं आता.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24