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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

मनुष्य अपने जीवन में अपने जीवन का अनमोल समय केवल विषय-पदार्थों को भोगने में या इन भोग्य पदार्थों के संग्रह करने में यूँ ही गवांता रहता है, फिर भी स्वयं को बुद्धिमान समझने की भूल करता रहता है। हम सभी मनुष्यों का जीवन हर क्षण छोटा होता जा रहा है, इसपर हम सभी मनुष्यों को निरंतर अपना चिन्तन करते रहना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

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