हम सभी मनुष्य मानसिक रूप से काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार आदि विकारों से ग्रसित है। मनुष्य योनि में ही हम अपने मनोविकारों पर विजय पा सकते हैं, यह विकार ही हम से पाप कर्म करवाते हैं। निरन्तर सत्संग करते रहने से ही मन के विकार दूर होते हैं और हमारा स्वभाव शुद्ध होने लगता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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