Skip to main content

"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

शास्त्रों के अनुसार भौतिक प्रकृति स्वभाव से ही अन्धकारमयी यानी दुखमयी बताई गई है, यहाँ के सभी सुख अस्थाई है। यहां के सुख तो घंटो या दिनों के हिसाब से आते हैं, लेकिन दुख महीनों और सालों के हिसाब से आते हैं, फिर भी सभी इंसान दिन-रात इन्ही भौतिक सुखों को पाने के लिये कर्म ही नहीं, विकर्म यानी पाप कर्म भी करने से परहेज नहीं करते.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24