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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

ज्ञान से अभिप्राय आध्यात्मिक ज्ञान से ही होता है, जबकि भौतिक ज्ञान मात्र एक जानकारी के रुप में ही लिया जाता है, जिसकी सुनने की भी एक सीमा रहती है और यह ज्ञान भी सीमित है, जबकि आध्यात्मिक ज्ञान असीमित है, जो आरम्भ में परमात्मा द्वारा ही दिया जाता है, जो एक समय के बाद गुरु परम्परा से आगे बढ़ता रहता है यानी ज्ञान कभी भी किसी का व्यक्तिगत नहीं होता.....सुधीर भाटिया फकीर

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