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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

सभी सुख-दुख रुपी परिस्थितियों को परमात्मा का दिया हुआ प्रसाद समझ कर मन में सन्तोष के भाव व प्रसन्नता बनाये रखनी चाहिए, जिसके फलस्वरूप मनुष्य एक तरफ सुखों को भोगने से बच जाता है और दूसरी ओर दुखों से लड़ने की शक्ति भी पा लेता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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