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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

परमात्मा ज्ञान के सागर हैं, जबकि मनुष्य का ज्ञान मात्र एक चम्मच जल के समान है। यह भी तभी संभव हो पाता है, जब मनुष्य परमात्मा की ओर अपनी सम्मुखता बनाये रखता है, यानी मनुष्य को अपने जीवन में सदा सत्सँग करते ही रहना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

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