लोभ का परिणाम सदा ही दुखदायी होता है, क्योंकि लोभवश प्राप्त पदार्थ अहंकार लातें हैं और पदार्थों के नहीं मिलने से क्रोध जन्म लेता है अर्थात् दोनों ही स्थितियों में मनुष्य की हानि होती है, फिर भी मनुष्य की नजर लाभ से अधिक लोभ पर ही बनी रहती है.....सुधीर भाटिया फकीर
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