Skip to main content

"सन्ध्या-बेला संदेश"

हम सभी मनुष्यों को मनुष्य योनि योग यानी साधना करने के लिए ही मिली है, न कि भोग के लिए। योग तैरने का नाम है और भोग डूबने का। इसलिए प्रकृति के सुखों को चखने से बचते रहना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24