सभी मनुष्यों का मन-बुद्धि सदा ही जीवन में बने हुए लक्ष्य के इर्द-गिर्द ही प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से घूमता रहता है, क्योंकि कलयुग में अधिकांश मनुष्यों का लक्ष्य धन कमाना ही बना हुआ है, न कि धर्म कमाना। तब ऐसी स्थिति में मनुष्यों द्वारा धन कमाने में अक्सर पाप कर्म सहज ही होते रहते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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