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"सन्ध्या-बेला संदेश"

कलयुग में अक्सर अधिकांश लोगों द्वारा यह स्वीकार कर लिया जाता है कि सत्संग करने में मन नहीं लगता। यह मन सत्संग में तभी लगना आरंभ होता है, जब मनुष्य का रजोगुण मर्यादा में रहता है, अन्यथा नहीं.....सुधीर भाटिया फकीर

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