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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

भगवान ने मनुष्य योनि का अवसर हम सभी मनुष्यों को केवल आध्यात्मिक यात्रा यानी साधना करने के लिए ही प्रदान की है। मनुष्य अपने जीवन में मरते दम तक जितनी आध्यात्मिक यात्रा कर लेता है। ऐसी की गई आध्यात्मिक यात्रा अगले मनुष्य योनि तक सुरक्षित बनी रहती है.....सुधीर भाटिया फकीर

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