संसारी परीक्षाओं में नकल करने की मनाई होती है, जबकि कर्म करने से पूर्व मनुष्य शास्त्रों का स्वय भी अध्ययन कर सकता है और गुरूजनों से सीख ले अपने कर्मों में सुधार ला सकता है, क्योंकि प्रकृति मनुष्य योनि में ही किए गए सकाम कर्मों के आधार पर नंबर/फल देती है, जबकि भगवान निष्काम कर्म, आध्यात्मिक ज्ञान व भक्ति के आधार पर ही नंबर देते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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