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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

हम सभी मनुष्यों को अपने स्थूल शरीर की आवश्यकताओं को सदा ही सीमा में रखना चाहिए। इन आवश्यकताओं को कभी भी इच्छा नहीं बनने देना चाहिए, अन्यथा यह भोग इच्छाएं ही हम मनुष्यों को देर-सबेर पाप कर्मों में धकेल देती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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