कलयुग में प्राय सभी मनुष्यों का अंतिम लक्ष्य सुख की प्राप्ति का ही होता है कि उसे बड़े से बड़ा सुख मिले और सुख सदा बना रहे व सुखों को भोगने की स्थूल शरीर की इंद्रियां सदा जवान बनी रहे, किंतु भौतिक प्रकृति में सभी स्थूल शरीरों की इन्द्रियों क्रमश: शिथिल होती जाती हैं और अन्ततः स्थूल शरीरों की मृत्यु हो जाती है.....सुधीर भाटिया फकीर
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