भौतिक ज्ञान की प्राप्ति से सुख-सुविधा-स्वाद आदि पदार्थों को खरीदा तो जा सकता है। इसीलिए एक माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल-कालेज भेज देते हैं, लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान, जो केवल निरन्तर सत्संग करने से ही मिलता है, जिसको लिये बिना सुख रुपी शान्ति कभी नहीं मिल सकती, मनुष्य इसपर कभी विचार ही नही करता ?.....सुधीर भाटिया फकीर
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