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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

सँसार में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक साधारण मनुष्य अपने जीवन में एक ही गलती को बार-बार दोहराता रहता है। हम सभी मनुष्यों को अपने जीवन के भूतकाल में की गई गल्तियों से सीख लेनी चाहिए और वर्तमान समय में नये कर्मों पर सुधार करते रहना चाहिए, ताकि हमारा बड़ा भविष्य बिगड़ने से बच जाये, अन्यथा ?.....सुधीर भाटिया फकीर

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