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"सन्ध्या-बेला संदेश"

भोग-विषयों का निरंतर मन में चिंतन बने रहने से ही कामनायें जन्म लेती है, सभी कामनाएं कभी पूरी नहीं होती, जो पूरी हो गई, उनसे मोह व लोभ की उत्पत्ति होती है और बाधा डालने वाले पर क्रोध, यानी यह भोग ही मनुष्य का पतन करवाते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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