Skip to main content

"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

संसार को सही-सही जानने-समझने के लिए बुद्धि की विशेष जरूरत होती है, जो स्कूल-कॉलेज में जा कर क्रमश: विकसित होती जाती है, जबकि दूसरी ओर परमात्मा को जानने-समझने और पाने के लिए विवेक शक्ति चाहिए, जो केवल निरंतर सत्संग करने से ही जागृत होती है.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24