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"सन्ध्या-बेला संदेश"

दाल-रोटी की इच्छा करना शरीर की एक आवश्यकता है, लेकिन मलाई-कोफ्ता, रायता, अचार, पापड़, कुल्फ़ी आदि की चाह रखना ही इच्छा बन जाता है, लेकिन यह इच्छाएं देर-सबेर मनुष्य से पाप कर्म करवाती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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