जानना और मानना में बहुत गहरा अन्तर है। सँसार में भी ऐसे जानने वालों की संख्या कम नहीं है, लेकिन मानने वालों की संख्या सदा ही कम रही है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कलयुग में बहुत अधिक है, जो जाने बिना ही मान लेते हैं और फिर अन्धविश्वास की गलियों गिर जाते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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