Skip to main content

"सन्ध्या-बेला सन्देश"

सत्संग के अभाव में कुसंग सहज ही होने लगता है, जिसके फलस्वरूप अज्ञानता की स्थिति बनने से पाप कर्म होने शुरु हो जाते हैं, इसलिए पाप कर्मों से बचने के लिए अपने जीवन में निरंतर सत्संग करते रहना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24