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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

कलयुग में ऐसा देखा गया है कि अधिकांश लोग दुखों में तो परमात्मा को सहज ही याद करने लगते हैं, जबकि यही लोग सुखों की वर्षा में नहाते समय परमात्मा को बहुत जल्दी से भूल जाते हैं, यह एक सच्चाई है....सुधीर भाटिया फकीर

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