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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

स्थूल शरीर यानी तन के रिश्ते जन्म के साथ ही बनते हैं और मृत्यु होने के साथ ही समाप्त भी हो जाते है, लेकिन आत्मा परमात्मा का ही अंश माना गया है, इसलिये सम्बन्ध टूटने का तो प्रश्न ही नहीं उठता, लेकिन भोगों में लिप्त मनुष्य परमात्मा को अक्सर भूल जाता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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