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"सन्ध्या-बेला सन्देश"

विषय-भोगों को मर्यादा से अधिक भोगने वाला इंसान प्रमाद रूपी राक्षस से बच नहीं सकता. फिर प्रमाद ही आलस्य और मोह को जन्म दे हमें तमोगुण की गहरी खाई मे गिरा हमारा पतन करवा देता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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