हम सभी मनुष्य अपने वर्तमान जीवन में जो भी कर्म-विकर्म करते है, भविष्य में हमें इन्ही किये गये कर्मों का सुख-दुख रूपी फल मिलता है, अर्थात् भविष्य का जन्म ही भूतकाल की कोख/गर्भ से होता है. दूसरी ओर हमारा वर्तमान जीवन ही भविष्य की नींव को रखता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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