मनुष्य योनि विवेक-शक्ति जगाने के लिए ही परमात्मा का दिया हुआ एक अवसर है, जब तक मनुष्य की विवेक-शक्ति 100% जाग नहीं जाती, तब तक मनुष्य में कम-अधिक मात्रा में सुख भोगने की भौतिक इच्छाएं बनी ही रहती हैं. इसलिए मनुष्य योनि पाकर अधिक से अधिक सत्संग करते रहने का अपना लक्ष्य बनाये रखना चाहिए, क्योंकि सत्संग करने से ही विवेक-शक्ति जागती है.....सुधीर भाटिया फकीर
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