84,00000 योनियों में केवल मनुष्य योनि में ही सत्संग करने का एक अवसर है, जिसके निरंतर करते रहने से विवेक-शक्ति जगने लगती है। सत्संग सफेद रंग की तरह धीरे-धीरे अपना असर दिखाता है, जबकि कुसंग काले रंग की तरह तुरंत अपना असर दिखाता है......सुधीर भाटिया फकीर
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