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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

भूतकाल की मनुष्य योनियों में या वर्तमान मनुष्य योनि में किए गए कर्मों से मिलने वाले सुख-दुख रुपी फलों को ब्रह्माण्ड की किसी भी अन्य शक्ति द्वारा बदला नहीं जा सकता। इसलिये मनुष्यों को इधर-उधर के उपायों में समय/धन गंवाने की बजाय नये कर्मों को एक अच्छी दिशा देनी चाहिए, ताकि...  ...सुधीर भाटिया फकीर

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