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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

सभी मनुष्यों को संसार प्रत्यक्ष रूप से हर जगह नजर में आता है, इसलिए सँसार के होने पर कभी भी शक नहीं होता, जबकि मनुष्य को परमात्मा प्रत्यक्ष रूप से तो मंदिर में भी नजर नहीं आता, इसलिए मन में शक होने लगता है, जबकि परमात्मा की सत्ता कण-कण में मौजूद है....सुधीर भाटिया फकीर

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